चांडलर गुड गवर्नेंस इंडेक्स

खबरों में क्यों?


  • हाल ही में चांडलर ‘गुड गवर्नेंस इंडेक्स’ (CGGI) में भारत को 49वाँ स्थान प्राप्त हुआ।
  • इस सूची में फिनलैंड शीर्ष स्थान पर है।

मुख्य पहलू:

परिचय:

  • CGGI को चांडलर इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नेंस द्वारा जारी किया गया है। यह एक निजी गैर-लाभकारी संगठन है जिसका मुख्यालय सिंगापुर में स्थित है।
  • यह सूचकांक 104 देशों के सरकारी क्षमताओं और परिणामों को वर्गीकृत करता है।
  • प्रत्येक देश को 50 से अधिक खुले डेटा बिंदुओं पर मापा जाता है। यह सूचकांक सात स्तंभों या मापदंडो पर केंद्रित है :
    o नेतृत्त्व और दूरदर्शिता।
    o मज़बूत कानून और नीतियाँ।
    o मज़बूत संस्थाएँ।
    o वित्तीय सहायता।
    o आकर्षक बाज़ार।
    o वैश्विक प्रभाव और प्रतिष्ठा।
    o लोगों को समर्थ बनाने में मदद करना।

 

उद्देश्य:

  • यह राष्ट्र निर्माण में दुनिया भर के सरकारी नेताओं और सार्वजनिक अधिकारियों का समर्थन करता है और प्रशिक्षण, अनुसंधान, सलाहकारी गतिविधियों के माध्यम से सार्वजनिक संस्थागत क्षमता को मज़बूत करता है।
  • यह प्रभावी नीति निर्धारण के लिये उपकरण और रूपरेखा भी साझा करता है, और नागरिकों के लिये बेहतर सार्वजनिक सेवाएँ प्रदान करने के लिये राष्ट्रों को सशक्त बनाता है।
  • दक्षिण एशियाई देशों का प्रदर्शन: भारत 49वें स्थान पर, श्रीलंका 74वें, पाकिस्तान 90वें और नेपाल 92वें स्थान पर है।

 

सुशासन के लिये भारतीय पहल:

  • सुशासन सूचकांक: देश में शासन की स्थिति प्रभावों का आकलन करने के लिये ‘कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय’ (The Ministry of Personnel, Public Grievances & Pensions) द्वारा सुशासन सूचकांक (Good Governance Index- GGI) की शरुआत की गई है।
  • जिसके द्वारा केंद्रशासित प्रदेशों सहित केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा जनता के हित में किये गए विभिन्न हस्तक्षेपों के प्रभाव का आकलन किया जा सके।
  • सुशासन दिवस : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर 25 दिसंबर को प्रतिवर्ष सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है, इसका उद्देश्य भारत के नागरिकों के मध्य सरकार की जवाबदेही के प्रति जागरूकता पैदा करना है।
  • राष्ट्रीय ई-शासन योजना: “सभी सरकारी सेवाओं को सार्वजनिक सेवा प्रदाता केंद्र के माध्यम से आम आदमी तक पहुँचाना और आम आदमी की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये इन सेवाओं में कार्यकुशलता, पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करना” यह दृष्टिकोण अच्छे शासन को सुनिश्चित करने के लिये सरकार की प्राथमिकताओं को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
  • सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005: यह शासन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने में प्रभावी भूमिका निभाता है।
  • अन्य पहल: नीति आयोग, मेक इन इंडिया, लोकपाल इत्यादि की स्थापना।

 

शासन व्यवस्था

परिचय:

  • यह निर्णय लेने तथा इन निर्णयों के कार्यान्वयन (यह लागू नहीं किये जाते है) की एक प्रक्रिया है।
  • शासन शब्द का उपयोग कई संदर्भों में किया जा सकता है जैसे कि कॉर्पोरेट प्रशासन, अंतर्राष्ट्रीय प्रशासन, राष्ट्रीय प्रशासन और स्थानीय शासन।
  • सुशासन: यह सरकार को एक दृष्टिकोण प्रदान करता है जो न्याय और शांतिप्रिय तंत्र बनाने के लिये प्रतिबद्ध है जो व्यक्ति के मानव अधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता की रक्षा करता है।
    संयुक्त राष्ट्र द्वारा बताए गए सुशासन के 8 सिद्धांत या लक्षण

 

आभार/स्रोत: द हिंदू

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